पूजा ढांडा (27) हरियाणा के हिसार ज़िले की रहने वाली पहलवान हैं, जो 57 और 60 किलोग्राम वर्ग के फ्रीस्टाइल मुक़ाबलों में भाग लेती हैं | 2018 में पूजा ने कॉमनवेल्थ खेलों में रजत पदक जीता था. वहीं वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में उन्होंने कांस्य पदक हासिल किया था | इससे पहले 2010 में पूजा, युवा ओलंपिक में रजत पदक और 2014 के एशियाई रेसलिंग चैंपियनशिप मुक़ाबलो में कांस्य पदक जीत चुकी हैं | 2019 में उन्हें प्रतिष्ठित अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था |

पारुल दलसुखभाई परमार (47) गुजरात के गांधीनगर की रहने वाली पैरा-बैडमिंटन खिलाड़ी हैं | पैरा-बैडमिंटन की ताज़ा वर्ल्ड रैंकिंग में वो पहली पायदान पर हैं | पारुल ने 2017 की BWF पैरा बैडमिंटन वर्ल्ड चैंपियनशिप के एकल और युगल मुक़ाबलों में गोल्ड मेडल जीते हैं | जब पारुल तीन बरस की थीं, तब वो पोलियो की शिकार हो गई थीं और उनके साथ एक हादसा पेश आया था | फिर भी पारुल ने खेल को अपना करियर बनाया | 2009 में पारुल परमार को प्रतिष्ठित अर्जुन अवार्ड से नवाज़ा गया था |

निखत ज़रीन (24) तेलंगाना के निज़ामाबाद की रहने वाली ग़ैर पेशेवर मुक्केबाज़ हैं | वो 51 किलोग्राम वर्ग के मुक़ाबलों में भाग लेती हैं | 2019 में निकहत ने थाईलैंड ओपन इंटरनेशनल बॉक्सिंग टूर्नामेंट में रजत पदक जीता था | निखत ने किसी अंतरराष्ट्रीय मुक़ाबले में अपना पहला स्वर्ण पदक, वर्ष 2011 में AIBA की महिला युवा और जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में जीता था | 2015 में निखत ने सीनियर वुमन नेशनल बॉक्सिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था | वो अपने गृह नगर निज़ामाबाद की आधिकारिक ब्रैंड एंबेसडर हैं |

नगांगोम बाला देवी (31) मणिपुर के बिशुनपुर ज़िले के एक गांव की रहने वाली फुटबॉलर हैं | वो राष्ट्रीय फुटबॉल टीम में फॉरवर्ड के तौर पर खेलती हैं | नगांगोम बाला देवी भारत की सबसे ज़्यादा गोल करने वाली फुटबॉल खिलाड़ी हैं | उन्होंने पांच वर्षों तक राष्ट्रीय फुटबॉल टीम की कप्तानी भी की है | वर्ष 2020 में रेंजर्स FC के साथ क़रार करके वो ऐसा करने वाली पहली भारतीय महिला पेशेवर फुटबॉल खिलाड़ी बनी थीं | नगांगोम बाला देवी को वर्ष 2015 और 2016 में ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन ने वर्ष की सर्वश्रेष्ठ महिला खिलाड़ी घोषित किया था |

मेहुली घोष (20) पश्चिम बंगाल के नदिया ज़िले की रहने वाली निशानेबाज़ी खिलाड़ी हैं | वो 10 मीटर महिला एयर राइफल और मिक्स्ड टीम मुक़ाबलों में भाग लेती हैं | 2019 में मेहुली घोष ने दक्षिण एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता था. वहीं, 2018 में उन्होंने विश्व कप में कांस्य पदक जीता था | मेहुली ने अपना पहला अंतरराष्ट्रीय पदक वर्ष 2017 में एशियाई एयरगन चैंपियनशिप में जीता था | मेहुली ने 2016 की नेशनल चैंपियनशिप में 9 पदक जीते थे | वो भारत की निशानेबाज़ी टीम की सबसे युवा खिलाड़ी हैं |

मनु भाकर (19) हरियाणा के झज्जर ज़िले के एक गांव रहने वाली निशानेबाज़ हैं | वो 10 मीटर एयर पिस्टल और 25 मीटर पिस्टल के मुक़ाबलों में हिस्सा लेती हैं | 2018 में मनु भाकर इंटरनेशनल स्पोर्ट्स शूटिंग वर्ल्ड कप में गोल्ड मेडल जीतने वाली सबसे युवा खिलाड़ी बनी थीं | उसी साल मनु ने ISSF जूनियर वर्ल्ड कप में दो स्वर्ण पदक जीते थे | 2019 में मनु ने टोक्यो ओलंपिक के निशानेबाज़ी मुक़ाबलों में भारत की ओर से खेलने के लिए क्वालिफाई कर लिया था | वर्ष 2020 में मनु भाकर को प्रतिष्ठित अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था |

मंजू रानी (21) हरियाणा के रोहतक ज़िले के एक गांव की गैर-पेशेवर मुक्केबाज़ हैं | वो 48 किलोग्राम वर्ग के मुक़ाबलों में भाग लेती हैं | 2019 में मंजू रानी ने AIBA महिला वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में रजत पदक जीते थे | इसके अलावा उन्होंने स्ट्रैंजा मेमोरियल बॉक्सिंग टूर्नामेंट में भी सिल्वर मेडल जीते थे | 2019 में ही मंजू रानी ने थाईलैंड ओपन और इंडियन ओपन में भी कांस्य पदक जीते थे | मंजू रानी 11 बरस की ही थीं, जब उनके पिता का देहांत हो गया था | उन्हें तो मुक्केबाज़ी की प्रैक्टिस करने के लिए एक अदद दस्ताने ख़रीदने में भी ख़ासी मशक़्क़त करनी पड़ी थी | मंजू की मां ने अकेले ही अपने सात बच्चों को पाला-पोसा |

to be continued…
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